गुजरात मॉडल का जवाब होगा दिल्ली मॉडल

जिस गुजरात मॉडल का बखान पूरे देश में पहुंचा कर नरेन्द्र मोदी ने विकास पुरुष की छवि बनाई थी और लोकसभा चुनाव में गुजरात मॉडल को आगे कर सत्ता में आए. ठीक उसी तर्ज पर केजरीवाल दिल्ली मॉडल
बनाना चाहते हैं और इसकी शुरुआत उन्होंने दिल्ली बजट से कर दी है.
अपने बजट अभिभाषण में उन्होंने कहा कि इस बार दिल्ली
का बजट कोई अधिकारी या मंत्री नहीं बनाएंगे बल्कि इस बार का बजट दिल्लीवासी खुद बनाएंगे.


इस मॉडल के तहत दस विधान सभाओं को मोहल्ले में बांटा जाएगा. एक विधान सभा में चालीस मोहल्ले होंगे. हर मोहल्ले में लोगों से उनके समस्याओं के बारे में पूछा जाएगा और उन्हें बजट में शामिल किया जाएगा.
अगर ये मॉडल सफल रहा तो पूरी दिल्ली में यह लागू किया जाएगा. हालांकि लोगों से पूछने वाली बात सुनने में भले अच्छी लगती हो पर इसे जमीनी स्तर पर पूरा करना चनौती भरा है. 

ये बात केजरीवाल भी अच्छी तरह से जानते हैं तभी तो उन्होंने अफसरों के लिए भी एक आईडिया लाया  है. 

अफसर अच्छी जगह पोस्टिंग और बड़े विभाग में तैनाती चाहते हैं. साथ में अहम और इच्छाओं की पूर्ति भी उनके ज़हन में रहती है.

इसलिए केजरीवाल ने बताया कि जल्द एक स्कीम के तहत दिल्ली में ऐसे कई प्रोजेक्ट या काम निकालेंगे तो अफसरों से उसपर प्लान या रोडमैप मांगेंगे.

जिस अफसर के पास अच्छा प्लान होगा उसको वो काम दिया जाएगा और फिर उसके काम में ना तो कोई रोकटोक होगी और ना बीच में काम से हटाया जाएगा. लेकिन काम पर निगरानी रखी जाएगी और काम होने
पर उसकी समीक्षा भी की जाएगी.

काम अच्छा रहेगा तो आगे और अच्छी पोस्टिंग के साथ प्रोमोशन मिलेगा. लेकिन प्रदर्शन अच्छा ना रहा तो उसका भी हिसाब होगा. 

असल में इसके जरिए केजरीवाल अफसरशाही को सरकारी और उदासीन माहौल से निकालकार प्रतिस्पर्धात्मक माहौल देने की कोशिश में है. जिससे सिस्टम बदलेगा और जनता में भी सरकार की इमेज बनेगी.

केजरीवाल ने असल में ऐसी और ऐसी ही दूसरी लॉन्ग टर्म प्लानिग के साथ अपना विकास मॉडल दिखाने के लिए ही इस बार बिना मंत्रालय के सीएम बने हैं. 

जिस तरह नरेंद्र मोदी ने दुनिया को विकास का गुजरात मॉडल दिखाया था ठीक वैसे ही अरविंद केजरीवाल दिल्ली मॉडल दिखाना चाहते हैं. जिसकी केवल झलक अभी मिल पाई है. लेकिन केजरीवाल के पास इस बार पर्याप्त समय है और वो इसका उपयोग अपनी राजनीतिक नींव बनाने में करना चाहेंगे. इससे किसी न किसी रूप में दिल्ली वासियों का विकास हो पाएगा.

-समीर कुमार ठाकुर

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