गुल्लक से निकालकर दिए भूकंप पीडितों के लिए पैसे

पूर्वी दिल्ली डिस्ट्रिक मजिस्टेट के कार्यालय में उस समय बच्चों ने इंसानियत की मिशाल पेश की, जब कुछ बच्चे अपनी गुल्लकों को लेकर डीएम कार्यालय पहुंच गए.

पहले तो उनको देखकर डीएम कुणाल सकते में आ गए कि यह बच्चे कार्यालय में क्या करने आए हैं लेकिन जब डीएम ने बच्चों के हाथो की तख्तियां देखीं तो उनके चेहरे पर
मुस्कान खिल गई.

यह सब बच्चे अपने एक महीने का जेबखर्च नेपाल भूकम्प पीड़ितों के लिए अनुदान करने पहुंचे थे. लक्ष्मी नगर मास्टर सेना के नाम से इन छोटे-छोटे बच्चों ने एक ग्रुप बनाया हुआ है जिससे यह लगातार इस तरह के कार्य करते रहते हैं.

दिवाली और दशहरे पर भी यह बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम करते हैं. आठ साल के व्योम की मम्मी मीनू का कहना है कि जब शाम को वह मेरे पास आया और कहा कि मम्मी हम अपनी गुल्लक को लेकर नेपाल के लोगों की मदद के लिए भेजेंगे तो उन्हे यकीन नही आया कि मेरा बच्चा इतनी बड़ी बात कर रहा है.

दिव्यांशु के दादा जी का भी यही कहना कि जब दिव्यांशु नें उनसे कहा की वो अपने दोस्तों के साथ अपनी खर्च के पैसे नेपाल पीड़ितों को देने के लिए डीएम अंकल के पास जाना चाहता है तो उन्हें यह सुनकर अच्छा लगा और वो भी इनका साथ देने के लिए राजी हो गए.


डीएम कुणाल को यह राहत राशि देने इस मास्टर सेना के दिव्यांशु, वेदिका, व्योम, गगन, समीर, कीरत, ऋतिक और शिवम डीएम ऑफिस पहुंचे थे. इन्होंने अपनी गुल्लकों से डीएम कुणाल को 894 रूपये दिए.

इस मौके पर बच्चों का प्रयास देखकर डीएम कुणाल भी भावुक नजर आए. डीएम कुणाल ने बच्चों के सराहनीय कदम को देखते हुए कहा कि मैं इन बच्चों के इस कदम को देखते हुए इनको सलाम करता हूँ, इन बच्चों में नेपाल के बेसहारा लोगों की मदद करने की ललक है  जो एक मानवता का कार्य है जिसमें सभी इंसानों को बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए.

शुक्रवार को दिल्ली सरकार की तरफ से 117 टन राहत सामग्री नेपाल भेजी गयी है.

-ज्योति रानी

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