समीर कुमार ठाकुर |
कभी लोकपाल बिल के मुद्दे पर दिल्ली का आसन हिला देने वाले अण्णा हजारे एक बार फिर भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में आंदोलन की शुरुआत कर चुके हैं.
इस बार उनके निशाने पर बीजेपी की केन्द्र सरकार है. आंदोलन की शुरुआत करते हुए अण्णा ने मौजूदा केन्द्र सरकार को अंग्रेजों के शासन काल से भी बुरा बताया. उन्होंने कहा कि ये विधेयक पूरी तरह से किसानों के हित में नहीं है और इसे वापस लेना चाहिए.
दिल्ली विधान सभा चुनाव में
बीजेपी की हार पर नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी को इस हार पर गहरा चिंतन करने की जरुरत है और यदि वो ऐसा नहीं करते हैं तो आने वाले दिनों में जनता सबक सिखाएगी.
लोकपाल पर उन्होने कहा कि सरकार की मंशा साफ नहीं है. इस बीच जंतर मंतर पर उमड़ी भीड़ इस बात का गवाह है कि अण्णा का जादू कम नहीं हुआ है और सरकार को इस बारे में सोचना पड़ेगा.
अण्णा ने कहा अगर ये विधेयक वापस नहीं लिया जाता है तो चार महीने बाद वे अनशन पर बैठने की
बजाए जेल भरो आंदोलन शुरु करेंगें.
बजाए जेल भरो आंदोलन शुरु करेंगें.
केन्द्र सरकार पर पहले भी किसान विरोधी होने के आरोप लगते आए हैं. ऐसे में किसानों का इतना बड़ा
जनसमूह अण्णा के साथ है.
जनसमूह अण्णा के साथ है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी इस आंदोलन में अण्णा का साथ देने का मन बना लिया है. ऐसे में दिल्ली
के प्रति केन्द्र सरकार रवैया कैसा रहेगा देखना दिलचस्प होगा.
के प्रति केन्द्र सरकार रवैया कैसा रहेगा देखना दिलचस्प होगा.
ऐसा नहीं है कि केवल अण्णा हीं इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं. इसके पहले भी कई पार्टियां इस विधेयक का विरोध कर चुके हैं. ऐसे में अण्णा का समर्थन इन पार्टियों के लिए बहुत मायने रखता है और वो इसे भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगें.
-समीर कुमार ठाकुर
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